करंट दो प्रकार के होते है
1. Ac ( alternating current )
2. Dc ( direct current )
1. Ac Current :- वह विदुत धारा जिसका मान तथा दिशा समय के साथ बदलते रहते है या परिवर्तित होते रहते है अव धारा प्रत्यावर्ती धारा कहलाती है
- हमारे घरों में इसी करंट का 220 से 240 वोल्टेज सप्लाई पर उपयोग किया जाता है
क्योंकि एक समय में इस धारा का मान पॉजिटिव तथा दूसरे समय में इस धारा का मान नेगेटिव हो जाता है इसलिए इसे प्रत्यावर्ती धारा कहते हैं
Frequency आवर्ती
- Aकरंट द्वारा एक सेकंड में तय किए गए चक्र की संख्या को आवर्ती कहते हैं
- क्योंकि एक सेकंड में करंट 50 चक्र पूर्ण करता है
- इसलिए Ac करंट की आवर्ती भारत देश में 50 Hz ( हट्ज )
- Ac करंट में एक चक्कर बराबर 360 डिग्री
- एक अर्ध चक्कर बराबर 180 डिग्री
- सीकर का मान 90 डिग्री
- इसे चक्कर सेकंड या साइकिल सेकंड से भी जाना जाता है ऐ
- करंट को एमीटर यंत्र से मापा जाता है
- इसका मात्रक एंपियर होता है
2. Dc Current :- वह धारा जिसका मान तथा दिशा समय के साथ समान रहता है उसे दिष्ट धारा कहते हैं
उपयोग :- Dc करंट का उपयोग सामान्यता मोटर कार एवं गाड़ियों की बैटरियों में एवं सेलो में उपयोग में लिया जाता है
अत: हम कह सकते हैं कि Dc विद्युत धारा Dc पावर या Dc वोल्टेज समय के साथ दिशा में कोई परिवर्तन नहीं होता है
उपयोग :- Dc करंट का उपयोग सामान्यता मोटर कार एवं गाड़ियों की बैटरियों में एवं सेलो में उपयोग में लिया जाता है
अत: हम कह सकते हैं कि Dc विद्युत धारा Dc पावर या Dc वोल्टेज समय के साथ दिशा में कोई परिवर्तन नहीं होता है
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